
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र 2025 सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश” पर सार्थक चर्चा हुई।
उत्तर प्रदेश की अठारहवीं विधानसभा का वर्ष 2025 का द्वितीय सत्र रचनात्मक विमर्श और अनुशासित कार्यवाही के साथ यादगार रहा। सत्र में “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत – आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश” विषय पर दो दिनों तक गहन चर्चा हुई, जिसने लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूती प्रदान की।विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने पत्रकार वार्ता में कहा कि इस विमर्श ने “विकसित भारत – विकसित उत्तर प्रदेश” की संकल्पना को गहराई और व्यापकता दी, जो भविष्य की दिशा तय करने में सहायक होगा।
विधानसभा अध्यक्ष महाना ने बताया कि सदन के प्रत्येक सदस्य इस चर्चा में भाग लेना चाहते थे। 193 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें सत्तापक्ष के 120 (भाजपा: 105, अपना दल: 7, रालोद: 2, सुभासपा: 2, निषाद: 4), विपक्ष के 70 (सपा: 65, कांग्रेस: 2, बसपा: 1, जनसत्ता दल: 2) और 3 असंबद्ध सदस्य शामिल थे। मंत्रिपरिषद के 31 सदस्यों और 24 महिला सदस्यों (18 सत्तापक्ष, 6 विपक्ष) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।चार दिन के इस मानसून सत्र में 32 घंटे 28 मिनट की कार्यवाही हुई, जिसमें मात्र 43 मिनट का स्थगन रहा। स्थगन रहित समय 31 घंटे 45 मिनट रहा, जो लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है। श्री महाना ने बताया कि पहली बार सभी सूचनाओं को ग्रहण किया गया, और नई नियमावली के तहत विभागों से उत्तर अनिवार्य किए गए, जिससे उनकी जवाबदेही बढ़ी।उन्होंने कहा, “29 मार्च 2022 से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रत्येक सत्र में नवाचार किए गए हैं। परंपराओं, संचालन और प्रक्रिया में सुधार से विधानमंडल की गरिमा और लोकतंत्र की प्रतिष्ठा समृद्ध हुई है।” यह सत्र अपने विधायी कार्यों और सकारात्मक विमर्श के लिए जाना जाएगा।