
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर प्रदेश भर में आयोजित हुए कार्यक्रम
मेजर ध्यानचन्द ने वर्ष 1928, वर्ष 1932 और वर्ष 1936 के ओलम्पिक गेम्स में हॉकी टीम को स्वर्ण पदक दिलाकर वैश्विक मंच पर भारत को एक नई पहचान प्रदान कीः मुख्यमंत्री
उ0प्र0 मेजर ध्यानचन्द जी की जन्मभूमि, इसलिए प्रदेश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का नामकरण उनके नाम पर किया गया
17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक पूरे देश में सांसद खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि जब मेजर ध्यानचन्द जी की बात आती है, तो प्रत्येक भारतीय के मन में हॉकी की स्टिक अंकित होने लगती है। इसका कारण यह है कि मेजर ध्यानचन्द ने वर्ष 1928, वर्ष 1932 और वर्ष 1936 के ओलम्पिक गेम्स में हॉकी टीम को स्वर्ण पदक दिलाकर वैश्विक मंच पर भारत को एक नई पहचान प्रदान की थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में खेल का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मेजर ध्यानचन्द के नाम पर घोषित किया गया। उत्तर प्रदेश मेजर ध्यानचन्द जी की जन्मभूमि है। इसलिए प्रदेश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मेरठ में इस सत्र से पाठ्यक्रम की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री आज यहां पद्मश्री मोहम्मद शाहिद स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में खेल अवसंरचना से सम्बन्धित कार्यां का लोकार्पण करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सहायक खेल प्रशिक्षकों को नियुक्ति-पत्र तथा विभिन्न राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में प्रदेश के पदक विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने खिलाड़ियों का परिचय प्राप्त किया तथा हॉकी मैच का अवलोकन किया। उन्होंने उपस्थित युवाओं को फिट इण्डिया मूवमेण्ट की शपथ दिलायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेजर ध्यानचन्द जी की जयंती पर आज से तीन दिवसीय कार्यक्रम पद्मश्री मोहम्मद शाहिद स्टेडियम में प्रारम्भ हुआ है। शीघ्र ही, 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक पूरे देश में सांसद खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इस आयोजन से पहले खेल और युवा कल्याण विभाग विधायक खेल कूद प्रतियोगिताएं सम्पन्न कराने जा रहा है। आज यहां पर स्पोर्ट्स हॉस्टल और स्पोर्ट्स कॉलेज का शानदार हॉकी मैच देखा। दोनों टीमों ने टीमवर्क व भरपूर ऊर्जा के साथ बहुत अच्छा मैच खेला। देश के प्रत्येक नागरिक को एक खिलाड़ी की तरह राष्ट्र के प्रति समर्पण, जीवन में अनुशासन, समन्वय और उत्कृष्टता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। प्रत्येक खिलाड़ी समाज के लिए एक हीरो के रूप में होता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश व प्रदेश में खेल और खेलकूद की गतिविधियों को निरन्तर आगे बढ़ाया जा रहा है। खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट, सांसद खेलकूद प्रतियोगिता तथा गांव-गांव में चल रही खेलकूद प्रतियोगिताएं खेल के क्षेत्र में नई क्रांति के उदाहरण हैं। देश में नई खेल नीति को लागू कर दिया गया है। अब नए खिलाड़ियों को मंच, कोचेज तथा अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राप्त होगा। इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार ने तय किया है कि प्रदेश की प्रत्येक कमिश्नरी में एक स्पोर्ट्स कॉलेज होना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक खिलाड़ियों को अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए अलग-अलग खेलों के लिए स्पोर्ट्स कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को विकसित करने, ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ, एशियाड व नेशनल गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को कोच के रूप में नियुक्त करने का कार्य निरन्तर आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल का मैदान, विकास खण्ड स्तर पर मिनी स्टेडियम और जनपद स्तर पर स्टेडियम निर्माण की कारवाई युद्ध स्तर पर की जा रही है। खेल और खेलकूद की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जहां एक ओर खेल विभाग पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है, वहीं प्रत्येक गांव में ओपन जिम निर्माण की कार्रवाई भी चल रही है। खेल के मैदान विकसित किए जा रहे हैं। युवा कल्याण विभाग द्वारा युवक मंगल दल और महिला मंगल दल को स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि व्यक्ति खेल और खेलकूद की गतिविधियों से जुड़ेगा, तो राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव उत्पन्न होगा। खेल शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखेगा। स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मस्तिष्क के साथ प्रत्येक व्यक्ति सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दे पाएगा। इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार द्वारा ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, एशियाड, वर्ल्ड चैम्पियनशिप तथा नेशनल गेम्स में प्रदेश व देश के लिए मेडल प्राप्त करने या खेलों में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को प्रत्येक वर्ष विशिष्ट अवसरों पर सम्मानित किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का सौभाग्य है कि यहां अनेक अन्तरराष्ट्रीय स्तर के ओलम्पियन पैदा हुए हैं, जिसमें मेजर ध्यानचंद, के0डी0 सिंह बाबू, पद्मश्री मोहम्मद शाहिद, रवीन्द्र पाल, सैय्यद अली, डॉ0 आर0पी0 सिंह आदि सम्मिलित हैं। इसी प्रकार सुजीत कुमार, रजनीश मिश्रा, मोहम्मद शकील, देवेश चौहान, एम0पी0 सिंह, जगबीर सिंह, विवेक सिंह, राहुल सिंह, तुषार खाण्डेकर, दानिश मुर्तजा, ललित उपाध्याय, राजकुमार, प्रेम माया, रंजना श्रीवास्तव, मंजू बिष्ट, पुष्पा श्रीवास्तव, रजनी जोशी, वंदना कटारिया, रितुषा कुमारी आर्य सरीखे खिलाड़ियों ने न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश को गौरवन्वित किया है। प्रदेश के खेल सचिव श्री सुहाष एल0वाई0 स्वयं भी पैरा ओलम्पिक मेडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार खेल और खेलकूद की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। ओलम्पिक गेम्स (एकल वर्ग) में स्वर्ण पदक पर 06 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 04 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 02 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। ओलम्पिक गेम्स (टीम गेम्स) में स्वर्ण पदक पर 03 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 02 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 01 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक पर 03 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 1.50 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 75 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक पर 1.50 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 75 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। विश्वकप में स्वर्ण पदक पर 1.50 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 75 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। सैफ गेम्स एवं नेशनल गेम्स (एकल वर्ग) में स्वर्ण पदक पर 06 लाख रुपये, रजत पदक पर 04 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 02 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। सैफ गेम्स एवं नेशनल गेम्स (टीम गेम्स) में स्वर्ण पदक पर 02 लाख रुपये, रजत पदक पर 01 लाख रुपये तथा कांस्य पदक जीतने पर 50 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओलम्पिक गेम्स में प्रदेश के खिलाड़ियों के प्रतिभाग किए जाने पर प्रोत्साहन स्वरूप 10-10 लाख रुपये तथा कॉमनवेल्थ गेम्स एवं एशियन गेम्स में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को 05-05 लाख रुपये का पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किये जाने की व्यवस्था है। इसी प्रकार, एशिया कप, एशियन सीनियर चैम्पियनशिप, यूथ ओलम्पिक गेम्स, यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स, जूनियर विश्वकप, जूनियर विश्व कप, एशियन चैम्पियनशिप एवं राष्ट्रीय स्तर पर सीनियर, जूनियर, सब-जूनियर, मिनी, यूथ व कैडेट पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रदेश का सर्वोच्च पुरस्कार-पुरुष वर्ग में ‘लक्ष्मण पुरस्कार’ एवं महिला वर्ग में ‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाता है। अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, मेजर ध्यानचन्दपुरस्कार, खेल रत्न पुरस्कार व खेल के क्षेत्र में पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित खिलाड़ियों को 20,000 रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रदेश के खिलाड़ियों के कल्याणार्थ संचालित योजना के अन्तर्गत वृद्ध, अशक्त एवं विपदाग्रस्त राज्य स्तर के खिलाड़ियों को 4,000 रुपये, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 6,000 रुपये तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को 10,000 रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं-ओलम्पिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, विश्व कप व विश्व चैम्पियनशिप, एशियन गेम्स में प्रदेश के पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित पदों पर नियुक्ति प्रदान किए जाने हेतु नियमावली प्रख्यापित की गई। इसके अन्तर्गत 10 खिलाड़ियों को नियुक्ति प्रदान की गई है। लोक सेवा आयोग की परिधि के बाहर के पदों पर प्रदेश के प्रतिभावान व कुशल खिलाड़ियों की नियुक्ति के लिए 02 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई है। 500 से अधिक कुशल खिलाड़ियों को उत्तर प्रदेश पुलिस बल में नियोजित किया गया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) गिरीश चन्द यादव ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, सांसद बृजलाल व संजय सेठ, विधायक जय देवी, योगेश शुक्ला, इन्जी0 अवनीश कुमार सिंह, रामचंद्र प्रधान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।