
लखनऊ-डेस्क। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन बुधवार सुबह 11 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नामांकन पत्रों के पहले सेट में मुख्य प्रस्तावक होंगे। नामांकन चार सेटों में दाखिल किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक पर 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर होंगे।
पहले सेट में मुख्य प्रस्तावक के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के हस्ताक्षर होंगे, जबकि शेष सेटों में केंद्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ एनडीए नेताओं के हस्ताक्षर होंगे, जो गठबंधन में व्यापक सहमति को दर्शाता है। संसद भवन में नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान मंत्रियों और सांसदों सहित एनडीए के लगभग 160 सदस्यों के मौजूद रहने की उम्मीद है।
उपराष्ट्रपति के लिए सीपी राधाकृष्णन को नामांकित करने का निर्णय केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर एनडीए के नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान सर्वसम्मति से लिया गया। एनडीए के वरिष्ठ सहयोगी और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सर्वसम्मति से मिले समर्थन की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी उपस्थित नेताओं ने राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के लिए अपना पूर्ण समर्थन देने का संकल्प लिया। इससे पहले रविवार को, प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक जीवन में सीपी राधाकृष्णन के योगदान की सराहना की और उन्हें विनम्रता, बुद्धिमत्ता और जमीनी स्तर से जुड़ाव वाला नेता बताया। X पर पोस्ट किए गए एक संदेश में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में, थिरु सीपी राधाकृष्णन जी ने अपने समर्पण, विनम्रता और बुद्धिमत्ता से अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने हमेशा सामुदायिक सेवा और हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। मुझे खुशी है कि एनडीए परिवार ने उन्हें हमारे गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित करने का फैसला किया है। वरिष्ठ भाजपा नेता और मेघालय के वर्तमान राज्यपाल राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन काफी लंबा रहा है। उन्होंने तमिलनाडु से सांसद के रूप में कार्य किया है और अपनी विधायी कुशलता और सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव अगले महीने होना है और संसद में एनडीए की संख्याबल बढ़त को देखते हुए, राधाकृष्णन के जीतने की पूरी उम्मीद है।
सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। इसकी मुख्य वजह एनडीए का संख्याबल है जो जीत के लिए जरुरी आकड़ो से ज्यादा है।
बताते चलें कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सांसद ही वोट करते हैं। वर्तमान में लोकसभा में 543 और राज्यसभा 245 (233 निर्वाचित +12 मनोनीत) सदस्य हैं।
इस तरह दोनों सदनों में मिलाकर 788 सदस्य हैं। इनमें छः रिक्त हैं। ऐसे में वोट डालने वाले सदस्यों की संख्या 782 है। जीत के लिए 391 या उससे अधिक वैध वोट चाहिए।
एनडीए के आकड़ों की बात करें तो लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 129 वोट यानि कुल 422 वोट हैं जो बहुमत से बहुत ज्यादा हैं।